Home / थोडक्यात / नये भारत का स्वच्छ ...

थोडक्यात

नये भारत का स्वच्छ इतिहास

नये भारत का स्वच्छ इतिहास

नये भारत का स्वच्छ इतिहास

 

(व्यंग्य : ✍️राजेन्द्र शर्मा

 

मोदी जी गलत नहीं कहते हैं। वह कुछ भी करें, उनको विरोधियों से हमेशा विरोध ही मिलेगा। हां! हेमंत बिश्वशर्मा की तरह, विरोधी खुद ही पाला फांद कर, उनके भक्तों मेें मिल जाएं, तो बात दूसरी है।

 

अब बताइए, जब मोदी जी देश में सबके लिए अमृतकाल लाए हैं, तो क्या स्टूडेंट लोग को यूं ही छोड़ देते, बिना अमृत पिलाए। आखिर, अमृतकाल के अमृत में कुछ हिस्सा तो स्टूडेंट लोग का भी बनता है या नहीं?

 

पर अमृत पिलाने की छोड़ो, मोदी जी का इतिहास की पढ़ाई के बोझ में जरा-सी काट-छांट कर के, स्टूडेंट लोग की जिंदगी में कुछ पल की खुशी लाना भी गुनाह हो गया। कोई इसे बच्चों को अनपढ़ बनाना बता रहा है, तो कोई सांप्रदायिक बनाना। यह कोई नहीं देखता कि यह तो शुद्ध रूप से बच्चों को खुश करना है। बच्चों को इतिहास-मुक्त कर के खुश करने के रास्ते पर बढ़ेगा इंडिया, तभी तो वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडैक्स में ऊपर चढ़ेगा इंडिया। पर विरोधियों को तो बस विरोध करने से मतलब है, उन्हें न बच्चों की खुशी से मतलब है और न हैप्पीनेस इंडैक्स में नये इंडिया के, नये अफगानिस्तान से पीछे रह जाने से। और विरोध भी वो वाला कि चित भी मेरी, पट भी मेरी! बताइए, अंगरेजी राज से भी पुराने, मुगलों वगैरह के राज के पूरे-पूरे चैप्टर फाड़ दिए, तो उसका भी विरोध कर रहे हैं। सैकड़ों साल गायब ही कर दिए, ये कैसा इतिहास हुआ? लेकिन, जब बाकी सब रखा बस, गुजरात के 2002 के नरसंहार के आगे से सिर्फ मुस्लिमविरोधी का विशेषण उड़ा दिया, तो उस पर भी आब्जेक्शन है। यह तो काट-छांटकर अर्थ का अनर्थ ही करना हो गया! जरा सा जनतंत्र को छांट दिया, तो यह तानाशाही का आना हो गया!

 

जरा सा छांटें तो भी विरोध, पूरा काटें तो भी विरोध; मोदी जी बच्चों को अमृतकाल का अमृत बांटें भी तो बांटें कैसे?

 

और तो और विरोधियों को तो इतिहास की इतनी-सी साफ-सफाई तक मंजूर नहीं है कि कम से कम कहानी में खून-वून का जिक्र न रहे; बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। कहते हैं कि गांधी की हत्या और उसके चक्कर में आरएसएस पर पाबंदी का जिक्र क्यों हटा दिया? हत्या, गांधी की हो या किसी और की, हत्या अगर बुरी चीज है, तो उसे बार-बार याद करना अच्छा कैसे हो सकता है? स्वच्छता ज्यादा बड़ी चीज है, इतिहास तो लिखते-मिटते रहते हैं।                                  

*(व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक 'लोकलहर' के संपादक हैं)*

ताज्या बातम्या

ऑईलमिल फॉक्ट्री मध्ये सरकिच्या ढिगाऱ्यात १० वर्षीय मुलीचा मृतदेह. 12 May, 2024

ऑईलमिल फॉक्ट्री मध्ये सरकिच्या ढिगाऱ्यात १० वर्षीय मुलीचा मृतदेह.

वणी:- लालगुडा गावालगत असलेल्या एमआयडीसीमध्ये स्वास्तिक ऑइल मिल कंपनीत एका दहा वर्षाच्या मुलीचा सरकीच्या ढिगाऱ्याखाली...

नंदीग्राम एक्स्प्रेस व साप्ताहीक रेल्वे गाड्यांना मुकुटबन येथे थांबा द्या-सुरेंद्र गेडाम 12 May, 2024

नंदीग्राम एक्स्प्रेस व साप्ताहीक रेल्वे गाड्यांना मुकुटबन येथे थांबा द्या-सुरेंद्र गेडाम

झरी: तालुक्यातील सर्वात मोठी बाजारपेठ असणारे गाव मुकुटबन येथे बिर्ला कंपनीचे सिमेंन्ट प्लान्ट तसेच कोळसा खदानी...

 घुग्गुस येथे दारूच्या नशेत असताना झालेल्या भांडणामुळे एकाचा मृत्यू. 12 May, 2024

घुग्गुस येथे दारूच्या नशेत असताना झालेल्या भांडणामुळे एकाचा मृत्यू.

घुग्घुस : शहरातील मुख्य बाजारपेठ असलेल्या बस्ती येथील तळब येथे असलेल्या दीक्षित दारू दुकानाच्या मागे दारू पिऊन दोघे...

उकणी-वणी रस्त्याचे काम वेळेत पूर्ण करा, संजय खाडे यांचा इशारा, पावसामुळे चिखल साचून रस्ता होतो बंद, उकणीवासीयांना नाहक त्रास. 12 May, 2024

उकणी-वणी रस्त्याचे काम वेळेत पूर्ण करा, संजय खाडे यांचा इशारा, पावसामुळे चिखल साचून रस्ता होतो बंद, उकणीवासीयांना नाहक त्रास.

वणी- उकणी-वणी या रस्त्याचे काम सध्या सुरू आहे. मात्र हा रस्ता संथगतीने तयार होत असल्याने परिसरात पाऊस आला की चिखल साचल्यामे...

*राष्ट्रीय महामार्ग सुरक्षेचा अभाव अपघातात वाढ जि आर आय एल कंपनीवर गुन्हा दाखल करूण मुतकाच्या कुटुंबाला अर्थसहाय्य करा* 12 May, 2024

*राष्ट्रीय महामार्ग सुरक्षेचा अभाव अपघातात वाढ जि आर आय एल कंपनीवर गुन्हा दाखल करूण मुतकाच्या कुटुंबाला अर्थसहाय्य करा*

*राष्ट्रीय महामार्ग सुरक्षेचा अभाव अपघातात वाढ जि आर आय एल कंपनीवर गुन्हा दाखल करूण मुतकाच्या कुटुंबाला अर्थसहाय्य...

उकणी-वणी रस्त्याचे काम वेळेत पूर्ण करा, संजय खाडे यांचा इशारा 12 May, 2024

उकणी-वणी रस्त्याचे काम वेळेत पूर्ण करा, संजय खाडे यांचा इशारा

वणी- उकणी-वणी या रस्त्याचे काम सध्या सुरू आहे. मात्र हा रस्ता संथगतीने तयार होत असल्याने परिसरात पाऊस आला की चिखल साचल्यामे...

थोडक्याततील बातम्या

*अंदरूनी मामले कितने अंदरूनी, बाहरी आलोचनाएं कितनी बाहरी*

*अंदरूनी मामले कितने अंदरूनी, बाहरी आलोचनाएं कितनी बाहरी* *(आलेख : राजेन्द्र शर्मा)* बाहरी बनाम अंदरूनी के संघ-भाजपा...

*अब टमाटर-मुक्त भारत!*

*अब टमाटर-मुक्त भारत!* *(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)* इस बार टमाटर ने भी अपने नखरे दिखा ही दिए। अब तक अक्सर कभी आलू, तो कभी...

पर्यावरणाचा गळा घोटणारे प्लास्टिक प्रदूषण (जागतिक पर्यावरण दिन विशेष - ०५ जून २०२३)

पर्यावरणाचा गळा घोटणारे प्लास्टिक प्रदूषण जागतिक पर्यावरण दिन विशेष - ०५ जून २०२३ पर्यावरण हा पृथ्वीवरील जीवनाचा...